काव्यशास्त्रविनोदेन कालो गच्छति धीमताम ।
व्यसनेन च मूर्खानाम निद्रया कलहेन वा । ।
अर्थात ,
बुद्धिमान व्यक्तियों का खाली समय काव्य ( साहित्य ) और ज्ञान चर्चा में व्यतीत होता है। किंतु कुबुद्धि वाले मनुष्यों का वक्त व्यसन यानि मद्यपान आदि कार्यों में , खर्राटे भर कर सोने में , चुगली-चापलूसी या बेकार की बहस मुबाहिसा में बीतता है।
आप सब कविता के पाठकों, समालोचकों, समीक्षकों का स्वागत करते हुए प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूँ। अब आपके इस ब्लॉग पर कविता और काव्य शास्त्र सम्बन्धी परामर्श हुआ करेंगे।
बुधवार, 26 अगस्त 2009
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